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ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। पांचवीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनना अमृत काल में बड़े लक्ष्‍य हास‍िल करने का यकीन द‍िलाने वाली उपलब्‍ध‍ि।

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  ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। पांचवीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनना अमृत काल में बड़े लक्ष्‍य हास‍िल करने का यकीन द‍िलाने वाली उपलब्‍ध‍ि। भारत की जिस अर्थव्यवस्था को मौजूदा समय में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिना जा रहा है, वैसा ही हाल 1950 में भी था। ◆ 1950 में भारत की अर्थव्यवस्था छठे स्थान पर थी। ◆ 1960 में भारत की रैंकिंग 8वीं हो गई, ◆ 1970 में नौवीं और 1980 में तो 13वीं स्थान पर पहुँच गई। ◆ 2014 में यह फिर से ऊपर चढ़ी और 10वें स्थान पर रही। ◆ 2022 में पांचवे स्थान पर है। एक समय था, जब भारत और चीन की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में खास अंतर नहीं था। बात 1980 की करें तो भारत की जीडीपी 186 अरब डॉलर थी और चीन की 191 अरब डॉलर। अब दोनों देशों की जीडीपी में करीब कई गुना का अंतर आ चुका है। सिर्फ जीडीपी ही नहीं, बल्कि और भी कई मायनों में चीन हमसे कहीं ज्यादा आगे निकल गया है। ■ 1971-72 मतलब जब कॉन्ग्रेस नेता इंदिरा गाँधी भारत की प्रधानमंत्री थीं। तब कोई 10 लाख रुपए कमाता था, तो वह 9.33 लाख से अधिक टैक्स के रूप में भुगतान करता था। ■ उस अवधि के

खाट और कागज की बनी झोपड़ियों में रह रहे शरणार्थी हिंदू

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 राजस्थान में शरण लेने वाले पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा घर और पानी की टंकी जलकर खाक हो गई, तपती धूप में बिस्तर ही छत थी जोधपुर, 2 मई पाकिस्तान के अत्याचार से बचने के लिए भारत में शरण लेने आये पाकिस्तानी हिन्दुओं की दुर्दशा जारी है और आक्रोशित समाचार है कि प्रशासन की संवेदनहीन नीतियों ने उन्हें इस गर्मी में जोधपुर में बेघर होने पर मजबूर कर दिया है। करीब चार महीने पहले 23 वर्षीय रामचंद्र भील और उसका परिवार पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार सहने के बाद भारत में शरण लेने आया था। कई दिनों की यात्रा के बाद, वे और उनका परिवार राजस्थान के जोधपुर के चोखा गाँव पहुंचे। उन्होंने अपनी जीवन भर की कमाई (70 हजार रुपये) देकर यहां जमीन का एक टुकड़ा खरीदा और उस पर घर बनाना शुरू कर दिया। अब भील बेघर है। राजस्थान की भीषण गर्मी में एक खाट ही इस परिवार की एकमात्र छत है। भील उन पाकिस्तानी हिंदुओं में से एक है जिनके घरों को जोधपुर विकास प्राधिकरण ने 24 अप्रैल को ध्वस्त कर दिया था। घरों पर बुलडोजर चलने से यहां रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं की स्थिति और खराब हो गई है। सब गड़बड़ है। भीषण गर्मी में उन्हें खुले में र

आन्दोलन

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 दिल्ली के 5 Star hotel - The Royal Plaza में 64 कमरे आन्दोलन कारियों के लिए Book हैं। एक कमरे का एक दिन का Tariff 7600rs है। जंतर मंतर पे समर्थन देने वाले सभी Activist और बाहर से आने वाले नेता सबको इसी में ठहराया जा रहा है ? कहां से आ रही है funding ? कौन है सूत्रधार ?

पहलवान और रिपोर्टर की वार्तालाप धरने के मुद्दे पर

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पहलवान और रिपोर्टर की वार्तालाप धरने के मुद्दे पर   रिपोर्टर: ये सब कब किया ब्रजभूषण सिंह ने ?  मेडल धारी: यही कोई 10-12 बरस पेले किया था !  रिपोर्टर: आपने उस समय शिकायत क्यों नही की ?  मेडल धारी: हम उस टेम ओलम्पिक की तैयारी में लगे पड़े थे ! रिपोर्टर: जरा बता सकती हैं कि क्या क्या हुआ और कैसे कैसे हुआ आपके साथ ?  मेडलधारी: ना जी मैं तो माँ गंगा जैसी ही पबीतर हूँ! वैसे भी मेरे धोरे दस दस मुर्रा नसल की भैंसे हैं जिनका मैं दूध पित्ती हूँ ! मेरे हाथ भी लगा दे तो पटक ने ना मारा मैं !  रिपोर्टर: लेकिन बहुत सी तस्वीरों में तो ब्रजभूषण सिंह और आप बिलकुल सटक के साथ खड़े दिखते हैं ?  मेडलधारी: रे भाई, बो तो पिता-पुतरी के समान हेत थे म्हारे !  रिपोर्टर: फोटोज़ में आप ओर वो पिता-पुत्री तुल्य थे लेकिन फिर ये सब धरना-प्रदर्शन क्या है ?  मेडलधारी: उसने शोषण किया था हज़्ज़ार से ज्यादा खिलाड़ियों का ! लुच्चा मरद है वो ब्रजभूषण सिंह !  रिपोर्टर: लेकिन, अपुष्ट खबरों के मुताबिक ब्रजभूषण सिंह के अंग प्रत्यंग कई वर्षों से ये सब करने की क्षमता नही रखते हैं ?  मेडलधारी: सब झूठ है, वो दिखता ही बुड्ढा है, अंदर से पू